Friday, July 31, 2020

सतेंद्र दास कहते हैं, जब बाबरी विध्वंस हुआ तो मैं वहीं था, सुबह 11 बज रहे थे, हम रामलला को उठाकर अलग चले गए, ताकि वो सुरक्षित रहें


via Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Xc8LLO

No comments:

Post a Comment